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सोमवार, 9 दिसंबर 2019

विश्व के 7 हेरान करने वाले अजूबे

अपनी सामान्य ज्ञान की किताब में दुनिया के सात अजूबों के बारे में पढ़ चुके होगे। पर क्या तुम्हें मालूम है कि इन खास चीजों को सात आश्चर्यों में क्यों शामिल किया गया है? क्यों आज भी सारी दुनिया के लिए ये कारीगरी का अनूठा नमूना हैं? आओ जानते हैं दुनिया के इन सात अजूबों के बारे में 
सारी दुनिया की अगर बात करें तो धरती पर कुछ ऐसे अनोखे और आश्चर्य से भरपूर स्मारक और इमारतें हैं,जिनकी खास बनावट लोगों को हैरान करती हैं। इसलिए वे दुनिया के सात आश्चर्यों यानी सेवन वंडर कहलाते हैं। तुम भी उन खास स्मारकों या इमारतों को देखोगे तो शायद तुम्हारे मुंह से भी निकले- ‘वाह’। आज हम उन्हीं खास सात अजूबों के बारे में जानेंगे-

2000 साल पुराना शहर
अरब के रेगिस्तान के कोने में बसा पेत्रा 2000 साल पुराना शहर है, जो राजा अरेतास चतुर्थ की राजधानी हुआ करता था। अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए यह दुनिया के सात अजूबों में शामिल है। यहां तरह-तरह की इमारतें हैं, जो लाल बलुआ पत्थर से बनी हैं और सब पर बेहतरीन नक्काशी की गई है। हजारों साल पहले की नक्काशी को देख कोई भी हैरान हो सकता है।


ताजमहल भी है दुनिया में खास
भारत के आगरा शहर में स्थित ताजमहल को शायद तुम भी देख चुके होगे। इसे देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं। संगमरमर का बना यह मकबरा 15 साल में बन कर पूरा हुआ था। इसका निर्माण सन् 1647 के लगभग पूर्ण हुआ था। यह खूबसूरत गुंबदों वाला मकबरा चारों तरफ से बगीचों से घिरा है। मुगल वास्तुकला का इसे सबसे बढ़िया उदाहरण माना जाता है। इस मकबरे की खास बात यह है कि यह चारों तरफ से एक समान दिखता है। यह मकबरा मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। साल 1973 में, इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना दिया गया था। सोचो, जब ताजमहल का निर्माण हुआ था, तब खास टेक्नोलॉजी भी नहीं थी, फिर भी कुशल कारीगरों ने अपनी मेहनत से इसे इतना खूबसूरत बना दिया।


इंका सभ्यता का एक शहर
यह है इंका सभ्यता का सबसे पुराना शहर माचू-पिच्चू, जो पेरू (दक्षिण अमेरिकी देश) में स्थित है। इसे 7 जुलाई 2007 को विश्व के सात नए आश्चर्यों में शामिल किया गया था। 15वीं शताब्दी में सतह से लगभग ढाई हजार मीटर ऊपर एक शहर का बसना सबको हैरान करता है। अमेरिका के एंडीज पर्वतों के बीच स्थित यह शहर अब खंडहर में तब्दील हो चुका है, फिर भी इसकी बसावट अपने आप में अजूबा है। 


रोम का प्राचीन स्टेडियम
इस विशाल स्टेडियम को कोलोसियम के नाम से जानते हैं। रोम स्थित यह अंडाकार कोलोसियम इतना बड़ा है कि इसमें करीब 50,000 लोग आ सकते हैं। इसका निर्माण 70वीं ईस्वी के मध्य शुरू हुआ और 80वीं ईस्वी में पूरा हुआ। इस स्टेडियम में योद्धाओं के बीच मनोरंजन के लिए खूनी लड़ाइयां हुआ करती थीं। योद्धाओं को जानवरों से भी लड़ना पड़ता था। वैसे आज यह खंडहर में तब्दील हो चुका है, फिर भी लोग इसे देखने आते हैं


सबसे बड़ी दीवार
मिट्टी और पत्थर से बनी चीन की यह दीवार 5वीं सदी ईसा पूर्व बननी शुरू हुई थी और 16वीं सदी तक बनती रही। यह दुनिया की सबसे लंबी मानव निर्मित रचना है, जो लगभग 6,400 किलोमीटर तक फैली है। इसे चीन के विभिन्न शासकों ने उत्तरी हमलावरों से रक्षा के लिए बनवाया था। यह दीवार इतनी चौड़ी है कि 10 पैदल सैनिक गश्त लगा सकते हैं और इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है।


माया सभ्यता का चिचेन इत्जा
दुनिया के सात अजूबों में से एक है चीचेन इत्जा। ऐसा माना जाता है कि माया सभ्यता यहां पर 750 से 1200 सदी के बीच रही होगी और इसे ही उन्होंने अपनी धार्मिक नगरी बनाया था। अमेरिका के मैक्सिको में स्थित इस प्राचीन शहर का मुख्य आकर्षण है कुकुल्कन मंदिर, जिसको देखकर लोग हैरान होते हैं। पिरामिडनुमा इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 79 फीट है। इस मंदिर में चारों दिशाओं में 91-91 सीढ़ियां बनी हैं और प्रत्येक सीढ़ी को साल के एक दिन का प्रतीक माना गया है, जबकि ऊपर बने चबूतरे को 365 वां दिन माना जाता है। माया सभ्यता की गौरवपूर्ण काल की कहानी को बयां करता यह पिरामिड अपनी अद्भुत संरचना से सबको आश्चर्यचकित करता है।

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